माना कि, तेरी नजरो में सजा का हकदार था,
जरा आँखों में आँखे डाल के बता गुनहगार कौन था
तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेंरे पास रह गया
यूँ तो बेवजह कुछ भी नही ज़िन्दगी में
हर एक वजह का बोझ ढोना ही पड़ता है
प्रेम या सम्मान का भाव
सिर्फ उन्हीं के प्रति रखिएगा।
जो आपके मन की भावनाओं
को समझते हैं।
कहते है कि
जलो वहाँ , जहाँ जरूरत हो।
उजालों में चिरागों के
मायने नहीं होते।
परिंदे शुक्रगुजार हैं,पतझड़ के भी दोस्तो*
*तिनके कहां से लाते,जो सदा बहार रहती"*
तंज़ कसते रहो तुम उम्र भर... धुएँ की कालिख पर,
मैं तो इक चराग हूँ ....मेरी फितरत है रौशनी देना.
इत्तफाक से तो नही टकराये हम,
कुछ तो साजिश खुदा की भी होगी
मैंने तो माँगा था थोड़ा सा उजाला अपनी जिंदगी में
वाह रे चाहने वाले तूने तो आग ही लगा दी जिंदगी में
कर सकते हो तो किसी का भला करो !! ..
बुरा करने के लिए तो मोदी जी बैठे ही हैं
तमन्ना ने जिंदगी के आँचल में
सर रख कर पूछा -
"मै कब पूरी होउंगी?"
जिंदगी ने हँसकर जवाब दिया-
"जो पूरी हो जाये वो तमन्ना ही क्या!"
अंदर ही अंदर से
खोखले हो जाते हैं घर
जब दीवारों में
पानी भर जाता है...
मिलीं तो बहुत
तेरे बाद मगर ,
तू किसी चेहरे में
नज़र नहीं आयी
...ये कौन शख़्स है
इसको ज़रा बुलाओ तो ,
ये मेरे हाल पे
क्यूँ मुस्कुरा के गुज़रा है ,
अजब अंदाज़ से
ये घर गिरा है ,
मेरा मलबा
मेरे ऊपर गिरा है , mn
नाम तो काँटों का ही लगेगा,
ये सोचकर
कई बार फूल भी, चुपचाप ज़ख्म दे जाते हैं।
No comments:
Post a Comment